रायपुर (छत्तीसगढ़) निवासी आइपीएस अधिकारी विजय चौबे बेटी श्वेता को डाक्टर या इंजीनियर बनना चाहते थे, लेकिन श्वेता तो कुछ और ही सपना देख रही थी। वह देखती थी कि पिता से मिलने उनके कार्यालय के बाहर ही नहीं, घर पर भी लाइन लगी रहती है। सो, उसने भी मन ही मन पुलिस अधिकारी बनने की ठान ली। 12वीं करने के बाद वर्ष श्वेता ने 1997 में दिल्ली से बीए और फिर 1999 में मनोविज्ञान से एमए किया।
एमफिल करने के बाद वह जेएनयू में लेक्चरर पद पर नियुक्त हो गईं। साथ ही पीएचडी के लिए भी चयन हो गया, लेकिन पुलिस अफसर बनने का सपना नहीं छोड़ा। करीब आठ महीने पढ़ाने के बाद 2002 में उन्होंने भारतीय पुलिस सेवा के लिए आवेदन किया और 2005 में आइपीएस चुन ली गईं। वर्तमान में श्वेता चौबे उत्तराखंड के चमौली जनपद में ips के पद पर तैनात हैं। साथ ही पुलिस व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी बखूबी निभा रही हैं।
19 अक्टूबर 1976 को जन्मी श्वेता चौबे ने 2010 में सीओ ट्रैफिक (हरिद्वार) के पद पर रहते हुए अपने कार्य का लोहा मनवाया।
खुद सड़कों पर उतरकर यातायात व्यवस्था को सुचारु बनाने में जुटे रहना उनकी कार्यप्रणाली का हिस्सा है। जिसने उन्हें एक कर्तव्यनिष्ठ अफसर के रूप में पहचान दी है। कहती हैं, पिता की इच्छा के विपरीत यहां तक पहुंचने में मां पूनम चौबे का काफी सहयोग रहा, जो कि गृहणी हैं।
वह अपने परिवार व रिश्तेदारी में पहली महिला पुलिस अधिकारी हैं। बताती हैं कि पुलिस सेवा में आने के बाद कई युवतियां उनसे फोन पर भविष्य को लेकर टिप्स लेती रहती हैं।
ज्ञात हो कि वर्ष 2006 में श्वेता चौबे को देहरादून में पहली पोस्टिंग सीओ सदर व यातायात के रूप में मिली। इसके बाद उन्होंने सीओ मसूरी, सीओ डालनवाला, सीओ यातायात की जिम्मेदारी भी संभाली। वर्ष 2007 में वह हरिद्वार में सीओ यातायात रहीं और कुंभ 2010 में उन्हें सीओ यातायात का जिम्मा सौंपा गया। सितंबर 2015 में उनका तबादला एसपी सिटी के पद नैनीताल हो गया।
और इसके बाद जैसे-जैसे को जिम्मेदारियां निभा दी गई वैसे-वैसे उनको पद मिलते गए
समर्पित पत्नी, जिम्मेदार मां
श्वेता चौबे का विवाह 2006 में आइपीएस अधिकारी मणीकांत मिश्रा के साथ हुआ। वर्तमान में उनके दो बच्चे हैं। बेटी मान्या बेटा अदवित कहती हैं ड्यूटी के बाद जितना भी समय मिलता है, वह परिवार के बीच हंसी-खुशी गुजरता है।
तीज हिन्दू धर्म के कई त्योहारों का नाम है। यह त्योहार हिन्दू महिलाओं द्वारा मनाया जाता है। तीज के त्योहार नेपाल और उत्तरी भारत में बहुत प्रसिद्ध है। हरियाली तीज और हरतालिका तीज मानसून के मौसम का स्वागत करते हैं और मुख्य रूप से लड़कियों और महिलाओं द्वारा हाथों में मेंहदी लगाना, लाल और हरे रंग के कपडे पहनना, गीत, नृत्य और प्रार्थना अनुष्ठानों के साथ मनाते हैं। तीज के मानसून त्योहार मुख्य रूप से पार्वती और शिव के साथ उनके मिलन को समर्पित हैं। तीज के उत्सव में महिलाएं उपवास रखती हैं।
तीज का त्योहार भारत के राज्य में अगल-अगल दिन व अगल-अगल नाम से मनाया जाता है। परन्तु तीज के त्योहार का उद्देश्य एक ही है, महिलाओं में उत्साह और खुशी। ऐसा कहा जाता हैं कि भारत के तरह पाकिस्तान के सिंधी समुदाय में इस त्योहार को तीजड़ी व तीजरी के नाम से मनाते है
रविवार को हरियाली तीज के मौके पर उत्तराखंड पुलिस वेलफेयर एसोसिएशन(उपवा) द्वारा प्रदेश के सभी जनपद पुलिस परिवार महिलाओं के लिए तीज की पूर्व संध्या शनिवार को तीज कार्यक्रम व प्रतियोगिता का आयोजन किया। जिसमे जनपद चमोली पुलिस अधीक्षक श्वेता चौबे द्वारा गोपेश्वर पुलिस लाईन में पुलिस परिवार महिलाओं के लिए तीज प्रतियोगिता आयोजित करते हुए स्वयं भी भारतीय परिधान पहन मुख्य अथिति के तौर पर उपस्थिति दर्ज करवाई।
गोपेश्वर पुलिस लाईन में आयोजित कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक श्वेता चौबे द्वारा दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। जिसके पश्चात महिलाओं द्वारा सावन के गीत गाये। महिलाओं द्वारा पारंपरिक रंग बिरेंगे भारतीय परिधान पहना गया था। महिलाओं ने रैंप वॉक,लोक गीत पर नृत्य कला, गायन,मेहंदी प्रतियोगिता में अपनी कला का प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस अधीक्षक श्वेता चौबे द्वारा भी महिलाओं द्वारा लगाए गए झूले का आनंद उठाया गया। कार्यक्रमों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली संगीता डिमरी को श्वेता चौबे द्वारा तीज क्वीन टाइटल प्रदान किया गया। साथ ही अलग अलग प्रतियोगिताओं की विजेता महिला व युवतियों को भी उन्होंने पुरस्कार देकर सम्मानित किया।
इस अवसर पर उपाधि सिंघल(ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट), किरन दुबे,डॉ0 शैली यादव, तनुश्री घिल्डियाल, पुलिस उपाधीक्षक ऑपरेशन नताशा सिंह, प्रतिसार निरीक्षक रविकान्त सेमवाल, उपनिरीक्षक एलआईयू कविता बिष्ट, प्रभारी महिला हेल्प लाइन मीता गुसांई उपस्थित रहे।
ब्यूरो रिपोर्ट अमन त्रिवेदी